You must try to see things in proper perspective. Any one can have any problem and it`s natural to depend on your family and friends for help during these difficult times.
Can you remeber any time when you helped any family memeber or a friend during his difficult times. This is the reason why we have our family and friends.
Asking for help with daily care needs should not dampen your confidence. Slowly as you get better, you will begin to do more of things by yourself only.
We are taught to be independent, doing our own chores, from an early age by our family and the society, that is why requesting for help often goes against that learning in our mind. But still we all do ask for help some time or the other because we can not do everything ourselves. that`s why we live in a society we all help and support each other.
But remember that you still have the option to ask for help when you need!
If you need it, ask for help;
When you can manage yourself, don’t ask for help and politely decline it.
Be in control of when to ask and when not to. This attitude will give you strength and confidence.
It is important to have this sense of control over circumstances.
Your confident attitude towards others will not only impress them but will also boost your morale.
Some people already know how to provide assistance so that you don`t feel lesser in your dignity and self-respect;
Other people who may not be aware and act differently, must be rspectfully taught to help you in such a way that you are feeling respected and good about yourself when receiving help.
You will need to be clear, firm, polite and assertive in giving directions to other people as to when and how to offer their care and assisatnce to you.
It will certainly take some time before you and the people around youstart feeling comfortable asking for the help you need.
Be patient , after all you are starting a new way of life . Do it slow and thoughtfully and do it good.
कृपया चीजों को उचित परिप्रेक्ष्य में देखें। किसी को भी कोई समस्या हो सकती है और इस समय के दौरान मदद के लिए अपने परिवार और दोस्तों पर निर्भर रहना स्वाभाविक है।
क्या आप किसी ऐसे समय को याद कर सकते हैं जब आपने किसी परिवार के सदस्य या किसी मित्र को उसके कठिन समय में मदद की हो।
यही कारण है कि हम अपने परिवार और दोस्तों से प्यार करते हैं।
दैनिक देखभाल की ज़रूरतों के लिए मदद माँगना आपके आत्मविश्वास को कम नहीं करना चाहिए। धीरे-धीरे जैसे-जैसे आप बेहतर होते जाएंगे, वैसे-वैसे आप खुद से ही ज्यादा काम करना शुरू कर देंगे।
हमें अपने परिवार और समाज द्वारा कम उम्र से ही स्वतंत्र रहना सिखाया जाता है, इसलिए मदद के लिए अनुरोध करना अक्सर हमारे दिमाग में उस सीख के खिलाफ जाता है।
लेकिन याद रखें कि आपके पास अभी भी जरूरत पड़ने पर मदद मांगने का विकल्प है!
यदि आपको इसकी आवश्यकता है, तो सहायता मांगें;
जब आप अपने आप को प्रबंधित कर सकते हैं, तो मदद के लिए न पूछें और विनम्रता से इसे अस्वीकार कर दें।
कब पूछना है और कब नहीं, इस पर नियंत्रण रखें। यह रवैया आपको ताकत और आत्मविश्वास देगा।
परिस्थितियों पर नियंत्रण की इस भावना का होना जरूरी है।
दूसरों के प्रति आपका आत्मविश्वासी रवैया न केवल उन्हें प्रभावित करेगा बल्कि आपका मनोबल भी बढ़ाएगा।
कुछ लोग पहले से ही जानते हैं कि सहायता कैसे प्रदान की जाती है ताकि आप अपनी गरिमा और आत्म-सम्मान में कम महसूस न करें;
अन्य लोग जो जागरूक नहीं हो सकते हैं और अलग तरह से कार्य करते हैं, उन्हें सम्मानपूर्वक आपकी मदद करना सिखाया जाना चाहिए ताकि आप सहायता प्राप्त करते समय अपने बारे में सम्मान और अच्छा महसूस कर सकें।
आपको अन्य लोगों को निर्देश देने में स्पष्ट, दृढ़, विनम्र और मुखर होने की आवश्यकता होगी कि आपको कब और कैसे उनकी देखभाल और सहायता प्रदान करनी है।
निश्चित रूप से आपको और आपके आस-पास के लोगों को आपकी सहायता के लिए पूछने में सहज महसूस करने में कुछ समय लगेगा।
धैर्य रखें, आखिरकार आप जीवन की एक नई राह शुरू कर रहे हैं। इसे धीमे और सोच-समझकर करें और अच्छा करें।